देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए हाथी दांत तस्करों के अन्तर्राज्यीय गिरोह को बेनकाब किया है।जनपद हरिद्वार के थाना श्यामपुर क्षेत्र से भारी मात्रा में हाथी दाँत के साथ ही 03 अन्तर्राज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में एसटीएफ उत्तराखण्ड व तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर तथा श्यामपुर थाना पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में 02 अदद हाथी दांत के साथ 03 अन्तर्राष्टीय वन्यजीव तस्कर गिरफ्तार किये गये।
बता दें कि, राज्य में वन्य जीव अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ हेतु अपर पुलिस महानिदेशक ए. पी. अंशुमान, अपराध एवम् कानून व्यवस्था उत्तराखंड पुलिस द्वारा हाल ही में अपनी गोष्ठी में एसटीएफ को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे जिसके अनुक्रम में एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा अपनी टीमों को निर्देशित किया गया था| इसी क्रम में सीओ एसटीएफ आर0बी0चमोला के नेतृत्व में उत्तराखण्ड एसटीएफ, तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर व थाना श्यामपुर की संयुक्त टीम द्वारा एक ज्वांइट ऑप्रेशन में कल शाम थाना श्यामपुर जनपद हरिद्वार क्षेत्र से 02 अन्तर्राज्यीय वन्यजीव तस्कर गौतम सिंह व चन्दन सिंह निवासीगण कामगारपुर, थाना मण्डावली जिला बिजनौर उ0प्र0 को गिरफ्तार कर उसने कब्जे से 01 अदद हाथी दांत ( वजन करीब 07 किलो) बरामद किया। तत्पश्चात दोनों तस्करों से विस्तृत पूछताछ के उपरान्त ग्राम नौरंगाबाद श्यामपुर निवासी जितेन्द्र सिंह को देर रात्रि दूसरे हाथीदाँत के साथ श्यामपुर क्षेत्र से ही गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार तस्कर लम्बे समय से वन्यजीव अंगो की तस्करी में लिप्त थे , एसटीएफ की इस कार्यवाही में मुख्य आरक्षी महेन्द्र गिरि व मुख्य आरक्षी किशोर कुमार की विशेष भूमिका रही।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि एसटीएफ द्वारा कल हरिद्वार क्षेत्र में वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गयी है। जिसमें 03 शातिर वन्यजीव तस्करों को 02 हाथी दाँत के साथ गिरफ्तार किया गया है। ये लोग लम्बे समय से हरिद्वार क्षेत्र से वन्यजीव अंगो की तस्करी करने का इनपुट एसटीएफ के पास आया था जिसपर एक एस टी एफ की टीम को गोपनीय रुप से इसपर कार्यवाही करने हेतु लगाया गया था, कल जब ये तस्कर हाथीदाँत को किसी बाहर की पार्टी को बेचने के लिए निकले तो टीम द्वारा कार्यवाही कर शाम को 02 तस्कर और फिर देर रात्रि 01 तस्कर को कुल 02 हाथीदांत के साथ गिरफ्तार किया गया। इस हाथी का शिकार कब कहाँ किस जंगल में किस तरह किया गया, यह पूछताछ के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा । हाथी जिसे वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है, पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध थाना श्यामपुर में वन्यजीव अधि0 (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
गिरफ्तार तस्करों में से एक गौतम सिंह वर्ष 2017 थाना मण्डावली जिला बिजनौर से हत्या तथा जितेन्द्र सैनी वर्ष 2017 में थाना श्यामपुर से फॉरेस्ट एक्ट के मुकदमे में जेल जा चुका है।
एसएसपी एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि वह वन्यजीवों की तस्करी करने वाले तस्करों के विरूद्व कार्यवाही हेतु तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखण्ड (0135-2656202) से सम्पर्क करें। उत्तराखंड एसटीएफ आगे भी वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही करती रहेगी, ताकि सीधे-साधे व बेजुबान जानवरों के शिकार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
गिरफ्तार अभियुक्तगणों का विवरणः-
1. गौतम सिंह पुत्र सुखदेव सिंह, निवासी ग्राम आमगारपुर, थाना मण्डावली, जनपद बिजनौर, उ0प्र0। उम्र 48 वर्ष।
2. चन्दन सिंह पुत्र रामकुवर, निवासी ग्राम आमगारपुर, थाना मण्डावली, जनपद बिजनौर, उ0प्र0। उम्र 48 वर्ष।
3. जितेन्द्र सैनी पुत्र ऋषिपाल निवासी नौरंगाबाद , थाना श्यामपुर जिला हरिद्वार
बरामदगी का विवरण- 02 हाथी दांत (वजन करीब 07-07 किग्रा ) ।
गिरफ्तार करने वाली टीमः
उत्तराखण्ड एसटीएफ टीम–
1. निरीक्षक एम0पी0सिंह
2.निरीक्षक अबुल कलाम 3. उ0नि0 के0जी0मठपाल
4. उ0नि0 बृजभूषण गुरुरानी
5.उ0नि0 यादवेन्द्र बाजवा
6.उ0नि0 विद्यादत्त जोशी
7. मुख्य आरक्षी महेंद्र गिरी
8. मुख्य आरक्षी किशोर कुमार
9. मुख्य आरक्षी जगपाल सिंह
10. मुख्य आरक्षी दुर्गा सिंह
11. मुख्य आरक्षी रियाज अख्तर
तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रुद्रपुर टीम–
1. रुपनारायण गौतम- वनक्षेत्राधिकारी
2. दीवान सिंह रौतेला – डिप्टी रेंजर
3. पान सिंह मेहता- वनदरोगा
4. सुरेन्द्र सिंह – वन दरोगा
5. अजय कुमार वन आरक्षी
6. नीरज सिंह वन आरक्षी
थाना श्यामपुर जिला हरिद्वार –
1. नितेश शर्मा थानाध्यक्ष श्यामपुर
2. मनोज रावत उपनिरीक्षक
3. कृष्णा भारद्वाज आरक्षी
4. मोहन रावत आरक्षी चालक
5. नेत्रसिंह वनक्षेत्राधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग
6. धर्मपाल सिंह रावत वन दरोगा
7. प्रदीप वन आरक्षी